Breaking News
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने सीएम धामी से की मुलाकात 
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास

केजरीवाल को अब समन पर जाना होगा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने उनको आठवां समन भेजा है और चार मार्च को पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है। केजरीवाल इससे पहले सात बार के समन की अनदेखी कर चुके हैं। उन्होंने और उनकी पार्टी ने ईडी के समन को गैरकानूनी बताया है और कई सवाल पूछे हैं। लेकिन सवालों के जवाब देने की बजाय ईडी लगातार समन भेजती जा रही है। ऐसा लग रहा कि यह सब किसी योजना के तहत हो रहा है। पांचवें समन के बाद केजरीवाल इस आधार पर ईडी के समन का विरोध कर रहे हैं कि जब खुद ईडी ने पीएमएलए की विशेष अदालत में शिकायत की है और अदालत में 16 मार्च को इस पर सुनवाई होने वाली है तो उससे पहले समन जारी नहीं होना चाहिए।

दूसरी ओर ईडी का कहना है कि पीएमएलए कोर्ट में उसकी शिकायत पर जो सुनवाई है वह बिल्कुल दूसरे मामले पर है। ईडी ने अदालत में यह याचिका नहीं दी है कि अदालत केजरीवाल को निर्देश दे कि वे ईडी के सामने पेश हों। अदालत में केंद्रीय एजेंसी के समन की अनदेखी से जुड़े बड़े सवालों पर सुनवाई होगी। एजेंसी ने कहा है कि जब मुख्यमंत्री जैसे ऊंचे पद पर बैठे लोग समन की अनदेखी करते हैं तो उसका गलत मैसेज जाता है। ईडी ने यह भी कहा कि केजरीवाल एजेंसी की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और उसमें बाधा डाल रहे हैं।
दिल्ली की राउज एवेन्यू स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में तो 16 मार्च को सुनवाई होगी लेकिन उससे पहले इन सवालों पर सर्वोच्च अदालत ने ही स्थिति साफ कर दी है। इसलिए विशेष अदालत से कोई राहत हासिल करने की केजरीवाल की उम्मीदें समाप्त हो गई हैं। असल में बिल्कुल ऐसे ही मामले में तमिलनाडु की सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। केंद्रीय एजेंसियों ने बालू के अवैध खनन से जुड़े मामलों में तमिलनाडु के कुछ जिला कलेक्टरों को समन भेजा था और पूछताछ के लिए बुलाया था। तमिलनाडु सरकार ने इसे चुनौती दी थी।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार यानी 27 फरवरी को इस पर सुनवाई में दो टूक अंदाज में कहा कि एजेंसियों के समन पर सबको हाजिर होना चाहिए। अदालत ने कहा कि यह उम्मीद की जाती है कि, जिसको एजेंसी समन देकर बुलाए वह एजेंसी के सामने हाजिर हो।
जाहिर है कि तमिलनाडु के कलेक्टरों के बारे में दिया गया सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी लागू होगा। उन्हें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामले का भी ध्यान रखना चाहिए था, जिसमें 10वें समन के बाद उनको गिरफ्तार किया गया था। उनके मामले में भी अदालत से कोई राहत नहीं मिली थी। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केजरीवाल के लिए कानूनी राहत का रास्ता लगभग बंद हो गया है। तभी यह देखना दिलचस्प होगा कि चार मार्च को वे ईडी के सामने पूछताछ के लिए हाजिर होते हैं या नहीं?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top