Breaking News
यात्रा मार्ग पर सेवा देंगे 43 सौ से अधिक घोड़ा- खच्चर संचालक
मुख्यमंत्री धामी ने जलशक्ति मंत्री से की मुलाकात, 8 जलविद्युत परियोजनाओं के लिए सहयोग का अनुरोधदेहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उत्तराखण्ड के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को गति देने के लिए 08 जलविद्युत परियोजनाओं के विकास और निर्माण के लिए अनुरोध किया है। इन आठ परियोजनाओं में 647 मेगावाट क्षमता की कुल 7 और 114 मेगावाट की एक परियोजना शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार मां गंगा एवं अन्य समस्त नदियों की निर्मलता, अविरलता एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और विशेषज्ञों की संस्तुतियों का पालन करते हुए सतत विकास के लक्ष्य को आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 114 मेगावाट की सेला उर्थिंग जलविद्युत परियोजना धौलीगंगा पर पिथौरागढ में है। यह उत्तराखंड राज्य की सीमाओं के भीतर गंगा बेसिन का हिस्सा नहीं है। राज्य में गंगा और उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर परियोजनाओं पर प्रतिबंध नहीं है। इसलिए सेला उर्थिंग जल विद्युत परियोजना जो कि गंगा बेसिन का हिस्सा नहीं है, की स्वीकृति दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से संबंधित अधिकारियों को इसके लिए आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कैबिनेट सचिव भारत सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा दी गई संस्तुतियों और राज्य सरकार के अनुरोध के क्रम में कुल 647 मेगावाट क्षमता की 7 जलविद्युत परियोजनाओं की अनुमति दिये जाने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से की भेंट
चारधाम यात्रा को लेकर सख्ती, परिवहन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
भारत विरोधी बयानों के चलते पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का ‘X’ अकाउंट भारत में प्रतिबंधित
मुखबा गांव से मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना, भव्य विदाई समारोह में गूंजे जयकारे
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा सख्त, 48 पर्यटन स्थल अस्थायी रूप से बंद
चारधाम यात्रा 2025- श्रद्धालुओं के लिए सख्ती, चेकिंग प्वाइंट्स पर होगी पंजीकरण की जांच
मुख्य सचिव ने महानगर परिवहन प्राधिकरण सहित सम्बन्धित अधिकारियों को दिए दिशा- निर्देश

31 मार्च तक लग जाए सभी राशन गोदाम में धर्म कांटे – रेखा आर्या

जिला पूर्ति अधिकारियों को कार्ड प्रिंटिंग मशीन खरीदने के निर्देश

अधिकारियों और राशन डीलर एसोसिएशन की बैठक में किया कई समस्याओं का समाधान

देहरादून। राशन में घटतौली की शिकायत मिलने पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने प्रदेश के सभी 193 गोदाम में 31 मार्च तक धर्म कांटे लगाने का सख्त निर्देश जारी किया है। विधानसभा स्थित सभा कक्ष में आयोजित विभागीय अधिकारियों और राशन डीलर एसोसिएशन की बैठक में कैबिनेट मंत्री ने लंबित समस्याओं का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान राशन डीलर एसोसिएशन का कहना था कि उन्हें राशन तोल कर नहीं दिया जाता है। इस कारण से भी कई बार पात्र लोगों को राशन कम पड़ जाता है। इस पर मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश के हर गोदाम में 31 मार्च से पहले अथवा जल्द से जल्द धर्म कांटे अनिवार्य रूप से लग जाने चाहिए। उन्होंने कहा नये वित्तीय वर्ष में अगर एक भी राशन डीलर को कम राशन दिए जाने की शिकायत मिली तो जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कार्ड धारकों को पीवीसी कार्ड मिलने में देरी होने की शिकायत पर विभागीय मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी जिला पूर्ति अधिकारी तुरंत प्रभाव से खुद ही प्रिंटिंग मशीन खरीदे और यह सुनिश्चित करें की पात्र आवेदक को 10 दिन के भीतर पीवीसी कार्ड उपलब्ध कराया जाए।

बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि राशन डीलरों को लाभांश और भाड़ा का भुगतान जल्द से जल्द करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि राशन डीलरशिप में महिलाओं को 33% आरक्षण देने की दिशा में विभाग गंभीरता से काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि इसकी फाइल कार्मिक विभाग को भेजी गई है और जल्द ही इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक हम पहल होगी इसलिए अधिकारियों को इस पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

बैठक में सचिव एल फैनई, आयुक्त हरिचंद सेमवाल, अपर सचिव रूचि मोहन रयाल, पी एस पांगती, सभी जिलों को DSO आदि मौजूद रहेI

नाराज मंत्री ने जूनियर अधिकारियों को बैठक से बाहर भेजा

बैठक में राइस मिल मालिकों से 2.5% मंडी शुल्क लिए जाने के मुद्दे पर भी विचार किया जाना था। मिल मालिक इसका विरोध कर रहे हैं। इस निर्णय में कृषि और वित्त विभाग की भूमिका है इसलिए इन विभागों के सचिव स्तर के अधिकारियों को बैठक में बुलाया गया था। बैठक शुरू होते ही मंत्री यह देखकर नाराज हो गई की दोनों ही विभागों से जूनियर अधिकारियों को बैठक में शामिल होने के लिए भेजा गया था। इस पर मंत्री ने कहा कि जूनियर अधिकारी कोई निर्णय नहीं ले सकते इसलिए बैठक की औपचारिकता करने से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने जूनियर अधिकारियों को बैठक से वापस भेज दिया। इसके बाद कैबिनेट मंत्री ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से करते हुए नाराजगी जताई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top