Breaking News
अक्षय तृतीया पर खुले विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट, छह माह तक होंगे माँ गंगा के दर्शन
श्रद्धालुओं की सुखद यात्रा और सकुशल वापसी हमारी प्राथमिकता- मुख्य सचिव
‘द लिटरेचर लॅरिट सम्मान’ से सम्मानित हुए ‘निशंक’
यात्रा मार्ग पर सेवा देंगे 43 सौ से अधिक घोड़ा- खच्चर संचालक
मुख्यमंत्री धामी ने जलशक्ति मंत्री से की मुलाकात, 8 जलविद्युत परियोजनाओं के लिए सहयोग का अनुरोधदेहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उत्तराखण्ड के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को गति देने के लिए 08 जलविद्युत परियोजनाओं के विकास और निर्माण के लिए अनुरोध किया है। इन आठ परियोजनाओं में 647 मेगावाट क्षमता की कुल 7 और 114 मेगावाट की एक परियोजना शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार मां गंगा एवं अन्य समस्त नदियों की निर्मलता, अविरलता एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और विशेषज्ञों की संस्तुतियों का पालन करते हुए सतत विकास के लक्ष्य को आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 114 मेगावाट की सेला उर्थिंग जलविद्युत परियोजना धौलीगंगा पर पिथौरागढ में है। यह उत्तराखंड राज्य की सीमाओं के भीतर गंगा बेसिन का हिस्सा नहीं है। राज्य में गंगा और उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर परियोजनाओं पर प्रतिबंध नहीं है। इसलिए सेला उर्थिंग जल विद्युत परियोजना जो कि गंगा बेसिन का हिस्सा नहीं है, की स्वीकृति दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से संबंधित अधिकारियों को इसके लिए आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कैबिनेट सचिव भारत सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा दी गई संस्तुतियों और राज्य सरकार के अनुरोध के क्रम में कुल 647 मेगावाट क्षमता की 7 जलविद्युत परियोजनाओं की अनुमति दिये जाने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से की भेंट
चारधाम यात्रा को लेकर सख्ती, परिवहन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
भारत विरोधी बयानों के चलते पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का ‘X’ अकाउंट भारत में प्रतिबंधित
मुखबा गांव से मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना, भव्य विदाई समारोह में गूंजे जयकारे

इस माह से शुरु होगा केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य, गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी अब सिर्फ 30 मिनट में होगी तय 

रोपवे का कार्य दो चरणों में किया जाएगा 

21 अक्टूवर 2022 में पीएम मोदी ने किया था इस रोपवे का शिलान्यास 

देहरादून। आगामी अक्टूवर से केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। रोपवे निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया इस माह 19 तारीख तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद डिजाइन सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। 13 किमी लंबे रोपवे का कार्य दो चरणों में किया जाएगा, जिसमें पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी निर्माण किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ रोपवे निर्माण को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अन्य कार्रवाई भी तेज हो गई है। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ पहुंचकर 21 अक्टूवर 2022 को इस रोपवे का शिलान्यास किया था। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बनने से केदारनाथ यात्रा सरल व सुलभ हो जाएगी। रोपवे बनने से गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी सिर्फ 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। शुरुआती समय में एक घंटे में 1800 यात्री गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंच सकेंगे। बाद में रोपवे से प्रति घंटा 3500 यात्री केदारनाथ पहुंच सकेंगे।

भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 13 किमी लंबे सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड) को सौंपी है। कार्यदायी संस्था बीते दो वर्ष से एजेंसियों के माध्यम से प्रशासन व वन विभाग के साथ संयुक्त रूप से रोपवे निर्माण के लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक कई चरणों में हवाई व भूमिगत सर्वेक्षण के साथ अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी कर चुकी है। सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे निर्माण के लिए 26 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। रोपवे का निर्माण दो चरणों में किया जाना है, जिसमें पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी और दूसरे चरण में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक 3.3 किमी रोपवे बनाया जाना है।

यह रोपवे 22 टॉवरों के सहारे होगा। रोपवे में उपयोग होने वाले गंडोला को विशेष डिजाइन के तहत तैयार किया जाएगा। साथ ही निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाएगा।

सोनप्रयाग, केदारनाथ सहित होंगे पांच स्टेशन

केदारनाथ रोपवे में सोनप्रयाग व केदारनाथ प्रमुख स्टेशन होंगे। जबकि, गौरीकुंड, चिरबासा और लिनचोली भी स्टेशन होंगे। पांच स्टेशनों में चिरबासा व लिनचोली टेक्निकल स्टेशन होंगे। इन स्टेशनों का उपयोग आपातकाल की स्थिति में प्रमुखता से किया जाएगा।

इस वर्ष के अक्टूवर से केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। रोपवे निर्माण के लिए ऑनलाइन निविदा की कार्रवाई 19 मार्च को पूरी हो जाएगी। इसके बाद डिजाइन सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी रोपवे निर्माण किया जाना है।  – प्रशांत जैन, प्रेसिडेंड, नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top