आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, असंतुलित खानपान और तनाव हृदयघात के कारणों में शामिल है। लेकिन सही जीवनशैली, पौष्टिक आहार और नियमित योग से अभ्यास हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग न केवल रक्त संचार को बेहतर बनाता है बल्कि तनाव, कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि हृदय को स्वस्थ और दीर्घायु बनाए रखने का एक प्राकृतिक तरीका है। अगर आप हार्ट अटैक के खतरे को कम करना चाहते हैं तो कुछ योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। आइए जानते हैं हृदय को स्वस्थ रखने और हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए कुछ प्रभावी योगासन।
ताड़ासन
ताड़ासन के नियमित अभ्यास से शरीर संतुलन में रहता है और रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। इस आसन का अभ्यास रक्त संचार में सुधार, हृदय को मजबूत करने और मांसपेशियों को लचीला बनाने में सहायक है।
कैसे करें अभ्यास
ताड़ासन के अभ्यास के लिए पैरों को जोड़कर खड़े हो जाएं। अब हाथों को ऊपर उठाएं और उंगलियों को आपस में फंसा लें। धीरे-धीरे पूरे शरीर को ऊपर खींचें और गहरी सांस लें। कुछ सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें, फिर आराम से वापस आएं।
भुजंगासन
यह हृदय को सक्रिय करता है और रक्त संचार को सुचारू बनाता है। भुजंगासन हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है। छाती और फेफड़ों को खोलता है और रक्त प्रवाह को सुधारता है।
कैसे करें अभ्यास
इस आसन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेट जाएं और हाथों को कंधों के पास रखें। धीरे-धीरे शरीर को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं। गहरी सांस लें और इस स्थिति में 15-30 सेकंड तक रहें। फिर पुरानी स्थिति में वापस आ जाएं।
वज्रासन
भोजन के बाद वज्रासन के अभ्यास से पाचन तंत्र और रक्त प्रवाह बेहतर होता है। इस आसन का नियमित अभ्यास कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और उच्च रक्तचाप को कम करता है।
वज्रासन के अभ्यास का तरीका
आसन के अभ्यास के लिए घुटनों के बल बैठें और एड़ियों पर शरीर का भार रखें। रीढ़ सीधी रखते हुए हाथों को घुटनों पर रखें। धीरे-धीरे गहरी सांस लें और कुछ मिनटों तक इस मुद्रा में बैठें।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन हृदय की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है और तनाव को कम करता है। इससे हृदय मजबूत बनता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इस आसन से चिंता और तनाव कम होती है।
कैसे करें अभ्यास
पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ लें। फिर पैरों को फर्श पर टिकाएं और हाथों को शरीर के पास रखें। धीरे-धीरे कूल्हों और पीठ को ऊपर उठाएं। कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहें और फिर वापस आएं।
(साभार)