Breaking News
चार साल के मासूम का मिला आधा अधजला शव, मुकदमा दर्ज
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने सीएम धामी से की मुलाकात 

प्रीति पाल ने पेरिस 2024 पैरालिंपिक में जीते दो कांस्य पदक

नई दिल्ली – प्रीति पाल ने पेरिस 2024 पैरालिंपिक में अपने असाधारण प्रदर्शन से इतिहास रच दिया, जब उन्होंने महिलाओं की टी35 श्रेणी में 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धाओं में दो कांस्य पदक जीते। यह उपलब्धि न केवल उनके करियर में महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुई, बल्कि इसके साथ ही वह एक ही पैरालिंपिक खेल में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला ट्रैक एंड फील्ड एथलीट भी बन गई हैं।

शुरुआती जीवन: चुनौतियों से भरा बचपन – उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 22 सितंबर, 2000 को जन्मी प्रीति का बचपन कई चुनौतियों से भरा था। जन्म के छह दिन बाद ही उनके पैरों में प्लास्टर लगा दिया गया, जिससे वह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने लगीं। उन्होंने पारंपरिक उपचार से अपने पैरों को मजबूत बनाया और पांच साल की उम्र में कैलिपर्स का उपयोग करना शुरू किया, जो उन्होंने आठ साल तक पहने।

एक नई राह की तलाश: पैरालिंपिक से प्रेरणा – 17 साल की उम्र में सोशल मीडिया पर पैरालिंपिक खेलों के बारे में जानने के बाद प्रीति के जीवन का नजरिया बदल गया। उन्होंने एक स्थानीय स्टेडियम में अभ्यास करना शुरू किया, हालांकि वित्तीय बाधाओं ने उनके नियमित अभ्यास में रुकावट डाली। पैरालिंपिक एथलीट फातिमा खातून से मिलने के बाद उनकी किस्मत बदल गई, जिन्होंने उन्हें पैरा-एथलेटिक्स से परिचित कराया। 2018 में स्टेट पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने के साथ ही प्रीति के एथलेटिक सफर की शुरुआत हुई।

सरकारी मदद: उनकी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका – प्रीति की सफलता में सरकारी हस्तक्षेपों ने अहम भूमिका निभाई। खेलो इंडिया और टीओपीएस जैसे कार्यक्रमों से मिली सहायता, एसएआई जेएलएन स्टेडियम में कोच गजेंद्र सिंह के तहत प्रशिक्षण ने उनके प्रदर्शन को और भी निखारा।

वैश्विक मंच पर विजय – प्रीति के अथक प्रयासों का नतीजा 2024 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में दिखा, जहां उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धाओं में कांस्य पदक हासिल किए। पेरिस 2024 पैरालिंपिक में उनकी इस ऐतिहासिक सफलता ने उन्हें वैश्विक मंच पर एक दुर्जेय प्रतियोगी के रूप में स्थापित कर दिया।

23 साल की उम्र में प्रीति पाल ने न केवल अपने गांव का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे देश को गर्व से भर दिया। उनकी कहानी एक प्रेरणा है जो दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से सभी बाधाओं को पार किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top