Breaking News
नग्न अवस्था में मिला बुजुर्ग महिला का शव, चेहरे पर मिले दांत काटने के निशान, जांच शुरू
नैनीताल पहुंचे श्रद्धालुओं को कैंची धाम तक पहुंचने के लिए झेलना पड़ा 11 किमी लंबा जाम 
रजनीकांत की आगामी फिल्म ‘कुली’ की अमेजन प्राइम वीडियो के साथ हुई ‘ओटीटी’ डील, इतने करोड़ में खरीदे डिजिटल राइट्स
स्थानीय लोगों के सुझाव से बनेगा हनोल टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्लान 
नब्बे फीट ऊंचे ध्वजदण्ड को कंधों पर उठाकर श्री दरबार साहिब पहुंची संगतें
क्या आप भी हैं बढ़ते वजन से परेशान, तो आइये जानते हैं वेट लॉस करने के सही उपाय
दून अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार
महिला प्रीमियर लीग 2025- फाइनल मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने दिल्ली कैपिटल्स को हराकर खिताब किया अपने नाम
“मैदान में क्रिकेट, सरकार में परफेक्ट—सीएम धामी का मैनेजमेंट हर जगह हिट!”

पर्यावरण की समस्याएं बहुत गंभीर, उठाने चाहिए कठोर कदम – सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली के आस-पास के क्षेत्रों में पटाखों पर पूरी तरह से लगा दें प्रतिबंध – सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जताते हुए इसे एक बहुत बड़ी समस्या बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सख्त उपायों की जरूरत है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सराकर से भी पटाखा बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ याचिकाओं का जवाब देने को कहा।  सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान का उदाहारण देते हुए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों से कहा कि वे दिल्ली के आस-पास के क्षेत्रों में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दें। बता दें कि दिल्ली की तरह राजस्थान ने भी अपने एनसीआर क्षेत्रों में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।

इसको लेकर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा से भी ऐसा ही करने को कहा। कोर्ट ने तर्क दिया कि जब तक ये राज्य पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाते तब तक कोर्ट का पहले दिया गया आदेश लागू रहेगा जो अगले सुनवाई की तारीख, 24 मार्च तक रहेगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण की समस्याएं बहुत गंभीर हैं। इसलिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक सरकारें नहीं सुनतीं, तब तक अदालत को सख्त आदेश देना पड़ता है। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि वह पटाखों की बिक्री और निर्माण करने वाली कंपनियों के खिलाफ याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी।

मामले में सुनवाई के दौरान जब एक वकील ने कहा कि पटाखों से प्रतिबंध कंपनियों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण के मुद्दे कंपनियों के अधिकारों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट के इस जवाब में वकील ने ग्रीन पटाखों की अनुमति देने की मांग की। वकील के ग्रीन पटाखों अनुमति की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि ग्रीन पटाखे वापई कितने पर्यावरण फ्रैंडली होते है, इसकी जांच होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top