Breaking News
पति ने पत्नी की कुल्हाड़ी से काटकर की हत्या, तीन साल की मासूम बनी चश्मदीद गवाह
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने रद्द किया इस परीक्षा का पेपर, यहां जानिए पूरा मामला 
महिला प्रीमियर लीग 2025- मुंबई इंडियंस और गुजरात जाएंट्स के बीच एलिमिनेटर मुकाबला कल 
सलमान खान की आगामी फिल्म ‘सिकंदर’ का नया गाना ‘बम बम भोले’ हुआ रिलीज, धांसू अंदाज में दिखे अभिनेता 
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होली मिलन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह पर पहुचें प्रधानमंत्री मोदी, दोनों देशों ने 8 सहमति पत्रों पर भी किए हस्ताक्षर
पुतले को बम से उड़ाने सम्बन्धी वीडियो आपत्तिजनक व दुर्भाग्यपूर्ण- भाजपा
रोजाना घर पर करें ये तीन योगासन, शरीर को मजबूत करने के साथ- साथ इम्यूनिटी को भी करेगा बेहतर 
धामी सरकार का बड़ा फैसला, मधुमक्खी पालन से स्वरोजगार को बढ़ावा, 750 रुपये प्रति किया मौनबॉक्स

2018 के बाद कितनी जमीन बाहरी लोगों को बिकी, श्वेत पत्र जारी करें सरकार- यशपाल आर्य

नये भू- कानून पर संसदीय परम्पराओं का पालन नहीं किया- आर्य

देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि समाचार पत्रों से ये पता चला है कि, राज्य की कैबिनेट ने विधानसभा में भू-कानून से संबधित विधेयक लाने का निर्णय लिया है।

उत्तराखण्ड में संसदीय परंपराओं का कहीं भी पालन नहीं हो रहा है।
परम्परा यह थी कि, जब राज्य में विधानसभा का सत्र चल रहा हो तो कैबिनेट के फैसलों की ब्रीफिंग भी नहीं होती थी।
यहां तो विधानसभा का सत्र चल रहा है। भू कानून मामले में विधेयक आएगा या संशोधन विधेयक आएगा और उस विधेयक के महत्वपूर्ण अंश मीडिया को पहले ही लीक कर दिए हैं। पहले ऐसे मामलों को विधानसभा अध्यक्ष संज्ञान में लेते थे।
पर अब इस राज्य में विधायी परंपराओं से कोई लेना देना नहीं था।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भू- कानून पर प्रतिक्रिया बिल के सदन में पेश होने के बाद देंगे लेकिन समाचार माध्यमों से पता चला है कि, 2018 में कि किए परिवर्तनों को सरकार वापस ले रही है। कांग्रेस ने तब भी परिवर्तनों का विरोध किया था।

आर्य ने कहा कि 2018 में हुए इन परिवर्तनों के बाद राज्य की हजारों एकड़ भूमि बाहरी लोगों को बेच दी गई है। सरकार को श्वेत पत्र लाकर स्थिति साफ करनी चाहिए कि, 2018 से लेकर अब तक राज्य की कितनी जमीन लुटवाई है किसको लुटाई है सरकार सारी जानकारी सार्वजनिक करे जिससे प्रदेश की जनता को पता चले की कैसे विगत वर्षों में राज्य की जमीन की कितनी बंदरबाट हुई है और राज्य को उसका क्या लाभ मिला।

उन्होंने कहा कि अन्य संशोधनों पर सदन में विधेयक पेश होने के बाद प्रतिक्रिया देंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top