Breaking News
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने सीएम धामी से की मुलाकात 
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 

पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर

अजय दीक्षित
अविभाजित भारत में किसी भी राज्य में किसी एक धर्म या सम्प्रदाय के लोगों की बहुतायत नहीं थी । यह सत्य है कि बंगाल और पंजाब के कुछ हिस्सों में मुसलमान ज्यादा थे तो और हिस्सों में हिन्दू ज्यादा था । आरोप यह है कि ब्रिटिश की कूटनीति थी कि भारत को विभाजित करके उसकी शक्ति घटाई जाये । एक समय था जब तिब्बत श्रीलंका आज का बांग्लादेश और पाकिस्तान, अफग़ानिस्तान, भूटान, वर्मा यहां तक कि अदन अदन तक भारत फैला था । धीरे-धीरे ब्रिटिश कूटनीति ने भारत के हिस्से कर करके वर्मा, भूटान, तिब्बत आदि को अलग देश मान लिया । तिब्बत में हमारे इष्ट देवता हैं । क्या कोई विदेश में इष्ट देवता स्थापित करेगा ।

मानसरोवर भारत का पुण्य तीर्थ है । पहले श्रीलंका को स्वतंत्रता दी गई, फिर भूटान और फिर वर्मा को अलग देश बनाया गया। जब इंग्लैण्ड में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वहां की अर्थव्यवस्था चरमराने लगी और वहां लेबर पार्टी का शासन आ गया तो उन्होंने भारत को आजादी देने का फैसला किया । परन्तु ब्रिटेन में चाहे लेबर पार्टी का साथ हो या कंजरवेटिव पार्टी का । वे सब भारत की धर्म आस्था से चिढ़ते थे ।

अविभाजित भारत में प्रत्येक शहर में मस्जिद और मंदिर थे । कहीं-कहीं तो मंदिर और मस्जिद सटे हुए थे । उसे समय की राजनीति उदार लोगों के हाथ में थी । आज भी भारत में अनेक बहुत प्रसिद्ध मस्जिदें हैं और नई दिल्ली स्थित हजऱत निजामुद्दीन औलिया (महबूबे इलाही)या अजमेर में हजऱत ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती मुस्लिम आस्था का प्रतीक आज भी पूजनीय माना जाता है । पिछले दिनों स्वयं प्रधानमंत्री मोदी जी ने अजमेर की दरगाह पर चादर चढ़ाने का आयोजन किया था ।

आज के पाकिस्तान में कई हिन्दू मंदिर हैं जो अपने समय में ख्याति प्राप्त थे । आज इन मंदिरों की सजावट में लगी चांदी या सोने को चरमपंथियों ने लूट लिया है । मंदिर से सटी भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया गया है । ब्लूचिस्तान में स्थित हिंगलाज मंदिर एक सती पीठ है । ब्लूचिस्तान के पठान हिन्दूओं से घृणा नहीं करते अपितु इस मंदिर की देखभाल में कई मुस्लिम पठान लगे हुए हैं । अन्य प्रसिद्ध मंदिर हैं — करांची का दुर्गा का शिवाहरकारय या करवीपुर मंदिर, पेशावर में गोरखनाथ मंदिर, मुल्तान में सूर्य मंदिर, पंजाब में कटास राजमंदिर, हिंगलाज माता का मंदिर बहुत प्रसिद्ध और पवित्र माना जाता है । यह एक पुरानी घाटी पर बना हुआ है । कहते हैं सती की मृत्यु के बाद शिव जी ने क्रोधित होकर यहां ताण्डव नृत्य किया था । विष्णु ने पृथ्वी नष्ट न हो जाये इसलिए उन्होंने अपने चक्र से सती के शरीर के कई टुकड़े कर दिये और इस कारण शिवजी का ताण्डव नृत्य रुका ।

लगभग सभी शहरों में अभी तक हिन्दू मंदिरों के अवशेष मिल जायेंगे । पाकिस्तान की फौजी सरकार और वहां के चरमपंथी संगठन हिन्दू मंदिरों को तोडक़र अपना सुख पाते हैं परन्तु आज का आम पाकिस्तानी हिन्दुस्तान और विशेषकर मोदी जी की तारीफ में कसीदें काढ़ता है । वहां की नौजवान बालिकाएं राम नाम कहकर अयोध्या के राम मंदिर की भव्यता का गुणगान करती हैं । टी.वी. चैनलों में इन पाकिस्तान मुसलमान लडक़े, लड़कियों के डायलॉग अब समरसता की बात करते हैं । और उन्हें हिन्दू देवी- देवताओं से कोई परहेज़ नहीं है । अपितु वे तो उनकी स्तुति भी करते हैं ।  जबकि इस्लाम में बहुत सी बुत परस्ती की मनाही है । आज की 20वीं सदी में सभी को एक दूसरे की आस्था का सम्मान करना चाहिए । ऐसा भी हो सकता है कि आज का पाकिस्तान निर्धारित हो जाये और कुछ हिस्सा वापस भारत में मिल जाये ।  हम तो परस्पर सहयोग की बात को बढ़ावा देते हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top